 |
हमे जानें |
 |
|
उच्च शिक्षा निदेशालय |
हम दिल्ली में उच्च शिक्षा के कारण को बढ़ावा देते हैं। |
उच्च शिक्षा निदेशालय का गठन वर्ष 1997 में किया गया था। शिक्षा विभाग को मंत्रिमंडल फैसला नंम्बर 174, दिनाँक 25 मई 1996 के अनुसार "महाविद्यालय शाखा" की देखभाल की स्वतंत्र जिम्मेदारी दी गयी है। निदेशालय गुरु गोविन्द सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) के लिए प्रशासनिक विभाग भी है, जिसे दिल्ली सरकार के द्वारा वर्ष 1998 में इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1998 के अधीन बनाया गया। वर्तमान में उच्च शिक्षा निदेशालय "बी" विंग, 5 शाम नाथ मार्ग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार, दिल्ली पर स्थित है। |
उद्देश्य :
|
- उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करना और इंजीनियरिंग, वास्तुकला, प्रबंधन, चिकित्सा, कंप्यूटर विज्ञान आदि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक नीति तैयार करना।
- दिल्ली के विभिन्न स्थानों में नए कॉलेज खोलना।
- कॉलेजों को नीति के अनुसार अनुदान में सहायता जारी करना।
- यह सुनिश्चित करना कि काँलिजों के आंशिक खाते या निदेशालय द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित हैं, यह लेखापरीक्षा विभाग के स्थानीय निधि लेखा (ईएलएफऐ) द्वारा लेखापरीक्षित हैं।
- नए कॉलेजों के लिए उपयुक्त स्थल प्राप्त करना।
- शैक्षिक संस्थाओं को अनुदान के लिए और शैक्षिक संस्थाओं और गुरु गोविन्द सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के साथ संबद्धता प्राप्त कॉलेजों को अनापत्ति प्रमाणपत्र देना।
- सरकारी महाविद्यालयों में सामान्य स्ट्रीम में कोर्स कर रहे मेधावी छात्रों को पुरस्कार देना।
- दिल्ली की ऐतिहासिक और पुरानी इमारतों के संरक्षण, जिससे दिल्ली के कई प्रतिष्ठित कॉलेज चल रहे हैं, के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
|
काँलेजों के लिए धनराशि : |
यह विभाग काँलेजों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इनमें से 12 कॉलेज पूर्णतः विभागों द्वारा वित्तपोषित हैं और शेष 16 कॉलेज को उनके आवर्ती खर्च का 5% की सीमा तक एवं गैर आवर्ती व्यय 50% तक अनुदान में सहायता दी जाती है। | |
भविष्य की योजना
|
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में आने वाले वर्षों में युवा पीढ़ी को गुणवत्ता युक्त कॉलेज शिक्षा प्रदान करने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय के पास अपरिमित अवसर हैं। |
भविष्य के लिए हमारी दृष्टि |
उच्च शिक्षा निदेशालय, यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि दिल्ली का कोई भी छात्र अन्य राज्यों में उच्च शिक्षा के लिए शहर छोड़कर जाऐ क्योकि दिल्ली के कॉलेजों में अपनी पसंद के पाठ्यक्रम में सीटें उपलब्ध नही हैं। इसके अलावा विभाग यह भी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि शहर का कोई योग्य विद्यार्थी अपनी पसंद की पेशेवर योग्यता से वंचित रहे। | |
|